हमें सब आता है
हमें सिखानें की कोशिश मत करो हमें सब आता है।।।
ये शब्द कई बार दुहराये जाते हैं इसका कारण है कि हम समझते हैं कि हमें सब आता है।
ये शब्द कई बार दुहराये जाते हैं इसका कारण है कि हम समझते हैं कि हमें सब आता है।
हम समझते हैं कि मैं हर जगह सही हूँ और वो सही बात को स्वीकार नहीं कर पाते और इसी अहम में जीते हैं कि हमें सब आता है।
मेरा एक दोस्त भी शायद ऐसा ही है वो मानता है कि "मुझे सब आता है तुम हमें न सिखाओ"
मेरा एक दोस्त भी शायद ऐसा ही है वो मानता है कि "मुझे सब आता है तुम हमें न सिखाओ"
इन शब्दों को सुनकर मैं शान्त रह जाता हूँ और वो समझता है कि मेरी जीत हुई।
मगर मेरे भाई जो लोग ऐसा मानते हैं वे कुछ नहीं सीख पाते जो उन्हें सीखना जरूरी था। उनका ego ये accept नहीं कर पाता और नौकरी की ठोकरे खातें हैं।।।।।
कुछ सीखना है तो थोड़ा झुकना भी पड़ता है गलती को accept कर आगे बढ़ना होता है।
चलो ego छोड़कर सीखने की राह अपनाते हैं फिर मेरे दोस्त साथ में भरतें हैं उड़ान.........
मगर मेरे भाई जो लोग ऐसा मानते हैं वे कुछ नहीं सीख पाते जो उन्हें सीखना जरूरी था। उनका ego ये accept नहीं कर पाता और नौकरी की ठोकरे खातें हैं।।।।।
कुछ सीखना है तो थोड़ा झुकना भी पड़ता है गलती को accept कर आगे बढ़ना होता है।
चलो ego छोड़कर सीखने की राह अपनाते हैं फिर मेरे दोस्त साथ में भरतें हैं उड़ान.........
4 टिप्पणियाँ
bahut khub bhaisab
जवाब देंहटाएंबेहतरीन
जवाब देंहटाएंHii
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा लिखा :)
जवाब देंहटाएंअहम् जिस राह चले वहाँ से मुड़ जाना सही
सीखना है गर कुछ तो झुक जाना सही।।
अपनी राय अवश्य दें