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Web series review: दमदार डायलॉग, कॉमेडी और एक्शन का कॉकटेल है चाचा विधायक हैं हमारे सीजन-2

Web series review: दमदार डायलॉग, कॉमेडी और एक्शन का कॉकटेल है चाचा विधायक हैं हमारे सीजन-2



ज़ाकिर खान की वेब सीरीज "चाचा विधायक हैं हमारे" का दूसरा सीजन ओटीटी प्लेटफॉर्म Amazon prime पर 26 मार्च को रिलीज हो गया है। पहले सीजन की अपार सफलता के बाद इसके दूसरे सीजन की घोषणा हो गई थी। वैसे तो जिस भी वेब सीरीज के दूसरे सीजन आ रहे हैं सब के सब टाइम पास हैं या फिर जबरदस्ती स्टोरी को खींचा जा रहा है। लेकिन रोनी भैया की ये सीरीज कॉमेडी और जबरदस्त डॉयलोग्स के साथ ज़मीनी हक़ीक़त का वो तड़का लगाती है जो बड़ी-बड़ी स्टार मूवीज में देखने को नहीं मिलती। इस शो में ज़ाकिर खान का स्टैण्डप सख़्त रूप नहीं दिखा बल्कि "यहाँ मैं पिघल गया" वाला अंदाज चर्चे में है। इन्हीं वेब शो से फिर साबित हुआ कि कंटेंट ही सबकुछ है। बजट बड़ा होने से कुछ नहीं होता बल्कि स्क्रिप्ट दमदार होनी चाहिए। वेब शो में कई दमदार डॉयलोग्स हैं जो शो में चार चाँद लगाते हैं जैसे "अब आते-आते ही आएगी- राजनीति है, कोई पबजी तो है नहीं" 

विधायक चाचा से बहस होने के बाद रोनी भैया का वो डायलॉग कि "चाचा जी! अपनी कहानी भले ही छोटी हो पर इसके मैन हीरो अपन ही हैं" वाला फ्लो मिडिल क्लास लोगों के लिए मसीहा का काम करते हैं।

कहानी चाचा और भतीजे की सेल्फ रेस्पेक्ट हर्ट होने की है। रोनी भैया सीरीज के लास्ट तक चाचा जी को ये अहसास दिला देते हैं कि पार्टी के कार्यकर्ता पार्टी के लिए कितने जरूरी होते हैं।बाक़ी ज़ाकिर खान और उनके दोस्तों की मज़ेदार जोड़ी को खुद ही amzon prime पर जाकर जरूर देखें।


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