ऑनलाइन शिक्षा के बावजूद भी परीक्षा में सम्मिलित हुए और बेहतर परिणाम का प्रयास किया।
परीक्षा के परिणाम कुछ भी हो हम सभी को बच्चो के परिणाम को खुशी-खुशी स्वीकार करना चाहिए।
अक्सर यह देखने मे आता है हमारे मुताबिक परिणाम नही आने पर हम परिवार वाले रिश्तेदार बच्चो को डांट देते है या ताना मारते है जिसके चलते बच्चे हीन भावना से ग्रसित होकर कई बार गलत कदम उठा लेते है।
आप सभी पालको से मेरा निवेदन है यह सिर्फ परीक्षा परिणाम है जिंदगी का परिणाम नही अतः कम नंबर आने पर बच्चे का मनोबल बढ़ाए उनका साथ दें, ताकि वे अगली बार बेहतर परिणाम दे सकें।
बल्ब के आविष्कारक एडिसन स्कूल के सबसे कमजोर बच्चे ही थे जिन्होंने आज हम सभी को बल्ब का अविष्कार दिया।
याद रहे, हो सकता है आपका बच्चा भी देश को कुछ नया रंग दे इसी सोच के साथ हर बच्चे को आम नहीं खास समझें।
1 टिप्पणियाँ
🙏🙏🙏
जवाब देंहटाएंअपनी राय अवश्य दें