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उड़ान एक परिंदे की #review


 
Dear Readers😊
मुझे बताते हुए खुशी है कि मैं हाल ही में एक खूबसूरत हिंदी उपन्यास "उड़ान -एक परिंदे की"  पूरा पढ़ पाई। यह हिंदी उपन्यास " Author Somil Jain ," Somu" द्वारा रचित  उनका हिंदी का प्रथम उपन्यास है जिसमें बेहद खूबसूरती से जीवन के संघर्षों से डील करने की प्रेरणा दी गई है 
सच ,संघर्ष और सादगी के मेल से रचित इस सुंदर उपन्यास से मैंने जो भी सीखा वो सचमुच हर  एक व्यक्ति के जीवन का  हिस्सा है। हर व्यक्ति लेखक के इस  अनुभवों को स्वयं के अनुभवों से जोड़ अपने जीवन में सही चीजों का सही समय पर चयन कर सके और जीवन को  एक  सतत  संघर्ष मान उपन्यास के मुख्य पात्र   "छोटू "   मैं अपने आप को खोज  अपनों के साथ एक ऊंची उड़ान भर सकें इस आशा के  साथ मैं आप सभी के समक्ष इस उपन्यास की कुछ खूबसूरत हृदय को छूने वाली बातें रखना चाहूँगी ..
होने को तो बहुत कुछ है उपन्यास में जो एक अनुभवी ही अच्छे से समझ सकता है   लेकिन  इस उपन्यास की जितनी महक  मुझ तक पहुँच सकी उसे मैं आप सभी तक पहुँचाने  का  छोटा सा प्रयास इस पॉस्ट के माध्यम  से करना चाहूँगी:-


 लेखक का अनुभव कहता है :-

🍁दूसरों से  No comparison
 
 🍁किसी भी दौड़ में नहीं भागना क्योंकि दौड़ने से वह सब पीछे छूट जाता है जिसे हम बाद में य़ाद करते हैं 
🍁Give up करने और भागने में डिफरेंस है 
जीवन में शांति से चलते रहना और बढ़ते रहना ही सफलता का मार्ग है ।
🍁दौड़ या  होड़ में न रहकर निरंतर चलते रहने से पैरों में जंग भी नहीं लगती और व्यक्ति गिरता भी नहीं है
 🍁राह  तुम चुनना सही,  भीड़ में खोना नहीं जिंदगी तो झंड है ,हार कर रोना नहीं!!

 🍁इंस्पायर क्या करती है -दिल से निकली बातें और वह भी जब  ही निकलेगी  जब उस चीज का अनुभव हो।

 🍁अर्जेंट और  इंपॉर्टेंट में अर्जेंट को चुनना सही है।

 🍁शिक्षा होते हुए भी  यदि मन में अहंकार   हो और उस  अहंकार  में व्यक्ति किसी को अपमानित करता है तो वह शिक्षित कहलाने लायक नही।

 🍁आप किसी के सहारे मत रहो  जिनके
जाने के बाद आप बेसहारा हो जाओ।

🍁जिंदगी में स्ट्रगल -
 स्ट्रगल बिना जिंदगी  ,जिंदगी नहीं
 सच हम नहीं ,सच तुम नहीं
 सच है सतत संघर्ष ही

🍁  Struggle - an important  chapter of life
🍁 कुछ मजबूरियाँ कुछ जिम्मेदारी आदमी को कठोर बना देती है पर कमजोर नहीं

🍁 उस आदमी का साथ कभी मत छोड़ो जिसने तुम्हारा साथ तब दिया जब तुम्हें उसकी बहुत जरूरत थी
🍁 मजे को मजबूरी का नाम नहीं देना चाहिए।

 🍁यदि  हमने समय से करियर नहीं चुना तो बाद में करियर हमें  चुन लेता है।

🍁 गिव अप कभी नहीं करना मैदान में डटे रहना, हार ना मानना आखिर ऊंची उड़ान जो भरनी है।

 🍁हमें अपनी जिंदगी में मिली  छोटी से छोटी सक्सेस  में भी कई हाथ ऐसे होते हैं  जो होते तो हैं मगर दिखते नहीं है ,कहीं ना कहीं से हमें सपोर्ट करते रहते हैं हमारे कामयाब होने की दुआएं करते हैं।

🍁 कभी-कभी पराया भी खुशी का कारण बन जाता है और कभी-कभी अपनी आंखों का काजल भी हमारे आंसू का  कारण

🍁 "अपने" पैदा  नहीं होती अपनाने से अपने बनते हैं।

🍁 जरूरी वो  है जो life हम जी  रहे हैं (मतलब वर्तमान में ही जीना सही है।)

 🍁जिनके लिए दिल के दरवाजे खुले रहते हैं उन्हें नोंक ( knock) करने की जरूरत नहीं रहती।

 🍁सबका समय सीमित और कीमती है।

  🍁मजबूरियों को जब समझने लगेंगे तो गलतफहमियां खड़ी ही नहीं होंगी।

  🍁एक स्टोरी सबके पास होती है जो कह देते हैं वह  हिस्ट्री बन जाती है और जो नहीं कह पाते उनकी  यही हिस्ट्री होती है।

🍁  मत रुलाओ जो तुमसे प्यार करते हैं 
टूट के चाहने वाले बड़ी मुश्किल से मिलते हैं।

 इस उपन्यास को पढ़कर मुझे अपनी कुछ पंक्तियाँ याद आ रही हैं जो मैंने एक समय अनुभव की :-
              पंख न थे  मजबूत 
              अकेले उड़ान भरने को 
              दूर आसमान में उड़ 
             अपनी मंजिल तक जाने को
              पर फिर भी....
              मन में आस कहीं धरी थी
              घोंसले तक पहुँचने की चाह
              अभी अधूरी थी
              मिलेगा साथ किसी अपने का
              उड़ जाऊंगी अपने जहां
              कोशिश ऐसी करनी थी
             आस बुझती जा रही थी
              लेकिन.....
              भाग्य ने खेल ऐसा खेला
              पासा पल्टा लगा नहल्ले पे दहल्ला
              आखिर जीत गई 
             नेक - निश्छल -नियत
             उड़ने लगी चिड़िया कुशल खैरियत
             मिला साथ जो अपने का
            पहुंची अपनी मंजिल हुई हैरत!!
 
ऐसे ही अपनो का साथ पाकर इस उपन्यास  के परिंदे और मेरी कविता की चिड़िया की तरह आप और मैं सभी एक ऊँची उड़ान भर पाएँ ऐसी मेरी आशा  है।

इस उपन्यास में मौजूद और  महक का आनंद लेने के लिए और इसकी सीख के पंख लगा ऊँची उड़ान भरने की ख्वाहिश से  आप सभी इस उपन्यास को एक बार जरूर पढ़ें...मुझे उम्मीद हैं आपको जरूर पसंद आएगा🙏🙏


             जैसे चाँद बिन रात अधूरी
             पत्ते बिना पेड़ अधूरा
              महक बिना फूल अधूरा
              वैसे ही...
              पाठकों के प्रोत्साहन बिना 
              लेखक का लेखन अधूरा!!

                     छवि जैन

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