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उड़ान एक परिंदे की review #7 #8

कल रविवार था और आज वोटिंग! इसलिए दो दिन कार्यालय की छुट्टी थी। सप्ताह के आवश्यक काम तो कल ही हो गये थे और आज का दिन खाली था तभी मेरी नज़र पास वाली टेबिल पर रखी एक पुस्तक "उड़ान " पर गई। सोचा चलो देखते छोटे भाई ने क्या लिखा है। और इस तरह मुझे " इस परिंदे की उड़ान का अंदाजा हुआ " कि मैं जितना सोचा रहा था उससे भी बहुत ऊपर तक यह उड़ान पहुँच चुकी थी। थोडा पड़ते हैं ये सोचा था लेकिन जब पढ़ना प्रारंभ किया तो पता ही नही चला कब पूरी पुस्तक पड़ गई। यूँ तो मैं पुस्तकें बहुत कम पड़ता हूँ ज्यादातर कंप्यूटर पर ही पढ़ता हूँ । लेकिन जब यह पुस्तक पड़ी तो यूँ लगा मानो अपनी ही कहानी चल रही हो।भाषा शैली में कुछ कहने जैसा नही है। क्योकि जो रोज़ शायरी और स्टेटस तो देखते ही है उससे भली भांति परिचित हैं। उसके लिया तो में पहले ही उसे कह चुका हूं कि अच्छा लिखते हो।भाई सोमिल को बहुत बहुत शुभकामनाएं..और इतने आगे जाओ की एक कोई तुम्हारे ऊपर भी पुस्तक लिखे!

नीशू जैन शास्त्री (nes) जयपुर


#विहार के फरकिया में भी #उड़ान
#udaan #somiljainesomu
@somil jaine somu
नमस्ते सर
आपके उपन्यास उडान के लेखनी के लिए बधाई!
आपके उज्जवल करियर की कामना करता हूँ
निश्चित तौर पर यह लेखनी समाज के उन युवाओं के लिये भी सकारात्मक संदेश है जो भौतिक चकाचौंध मे इतने खो जाते है जो उन्हें अपनो से दूर कर देते है, सबसे रोचक है कि कहानी की मुख्य नायिका परी ने अपने संयम, क्षमाशील स्वभाव से एक निर्जीव, हताश, निराश छोटु को अपने स्नेह से सजीव कर दिया। इन्ही कथनों के साथ मै आपके चिरंजीवी होने की कामना करता हूं

आप अगले उपन्यास कब लिख रहे हो, हमे सूचना देना।
धन्यवाद!










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